Tuesday 22 December 2015

राइटर-आदित्य पटेल
UNKNOWN PLACE
"उन्हें आना ही होगा,हम खतरे में हैं"
"लेकिन तुमने किनको चुना है"
"इन दोनों को"
"क्यों,क्या खासियत है इनमे,जो हम इनकी मदद लेंगे"
वो तुम्हे समय के साथ ही पता चल जायेगा"........
DELHI,INDIA
दिल्ली बहुत ही व्यस्त और सुचारू रूप से चलने वाला शहर है
विनय के घर
प्रोबोट और विनय लैब में कुछ कर रहे थे
प्रोबोट-ओह,अब ये बनकर तैयार है
विनय-प्रोबोट,तुम्हें अभी तक मुझे बताया नही की तुम मेरे लिए क्या बना रहे थे.......
प्रोबोट-विनय, ये अजीब सा दिखने वाला यन्त्र तुम्हारे लिए मैंने डेवेलोप किया है,असल में ये अल्ट्रा हाई एनर्जी रेट्रो ब्लास्टर है (UHERB) जो आस पास मौजूद किसी भी तरह की एनर्जी को डेक्टक्ट करके,उस एनर्जी से चार्ज होके वार करता है...ये किसी भी तरह के वातावरण में काम कर सकता है....ये उस तरह की एनर्जी को सोखकर उसको दूसरे form में कन्वर्ट कर देता है........और जितनी पावरफुल एनर्जी होगी उतना ये तीव्र वार करेगा.....
विनय-हम्म्म्म्म...... तो इस तरह तो मेरी कई समस्याऐ सुलझ जाएँगी....
और विनय उस यन्त्र को परमाणु की ड्रेस के सीने पर फिट कर देता है
और निकल पड़ता है अपनी पुलिस की ड्यूटी पर । आज दिल्ली में एक मशहूर नेता का भाषण था और विनय को वहां की सिक्यूरिटी कार्यभार सौंपा गया था.......
तभी उसे सीनियर पुलिस ऑफिसर का कॉल आता है
"इंस्पेक्टर विनय,तुरंत आयें.....यहाँ पर नेताजी के आने से पहले ही कोई अजीब से पहियों वाली मशीन तबाही कर रही है"
विनय-ओके सर । मैं पहुँच रहा हूँ.....
विनय  UHERB को परमाणु की ड्रेस पर फिट करना नही भूलता जो ड्रेस वो पुलिस की वर्दी के नीचे पहनता था.....
AT SPEECH GROUND
विनय जीप लेकर वहां पहुच चूका था,जहाँ वो अजीब सा दिखने वाली मशीन तोड़ फोड़ मैच रही थी,और उस मशीन को रोकने के लिए पुलिस फ़ोर्स भरसक प्रयास कर रही थी
वो अजीब सी दिखने वाली मशीन एक टैंक जैसी थी,जबकि कहे की टैंक से कई गुना शक्तिशाली थी....उसके अंदर से दो बड़ी गन्स और दो छोटी गन्स निकली हुईं थी  ये चारो गन्स तो स्थायी रूप रूप से निकली हुईं थी लेकिन उस मशीन में से किसी भी समय कहीं से भी गन निकल आती थी और गोलियों की बरसात कर देती थी जिसके सामने पुलिस फ़ोर्स अक्षम नज़र आ रही थी और कई सिपाही शहीद हो चुके थे..यहाँ तक की मिसाइल भी उसको भेद नही पा रही थी
जैसे ही विनय जीप लाता है वो मशीन उस पर गोलियों की बौछार सी कर देती है लेकिन विनय तुरंत जीप से कूद चूका था
विनय छुप कर उस पर गोलियां बरसाने लगा,लेकिन जैसे ही कोई भी गोली टैंक के करीब जाती टकराने से पहले ही ख़ाक हो जाती थी
विनय-अरे!!!!ये किस प्रकार की मशीन है इसपर न गोलियों का असर हो रहा है न ही मिसाइल का!!!अब इस बला से तो वो ही निपट सकता है........परमाणु!!!
विनय तुरंत उस टैंक से विपरीत दिशा में भागता है और एक कोने में जाकर रुक जाता है....और पुलिस वर्दी के नीचे थी परमाणु वाली ड्रेस......
अब और पुलिस फ़ोर्स आ चुकी थी
लेकिन तभी टैंक से सरसराती हुई एक मिसाइल छूट पड़ती है......और मिसाइल का निशाना था पूरी पुलिस फ़ोर्स........लेकिन तभी मिसाइल बीच में ही फूट पड़ती है और उसको फोड़ने वाला और कोई नही बल्कि परमाणु था ।
परमाणु प्रोबोट को सारी स्थिति से अवगत करा देता है
प्रोबोट-हाँ ये तो गंभीर समस्या है.....वैसे इसपर UHERB  का प्रयोग कर के देखो!
परमाणु-हाँ मैंने कोशिश तो कर के देखि लेकिन ये कोई बड़ा हथियार नही चला रहा है जिसे UHERB सोख सके ये  सिर्फ गोलियां और छोटी मिसाइल्स ही चला रहा है.....
प्रोबोट-हाँ,ये बात तो है.......
परमाणु-मुझे एक आईडिया आया है इसे हराने का,सुनो
और परमाणु प्रोबोट को वो तरकीब बताता है
प्रोबोट-लेकिन इसमें तुम्हारी जान को खतरा है
परमाणु-पुरे शहर की भलाई के सामने मेरी जान की कीमत कुछ नही
और परमाणु सारी पुलिस फ़ोर्स को वहां से चले जाने के लिये कहता है.....
और फिर घनी आबादी की तरफ उड़ जाता है
लेकिन टैंक भी उसका पीछा नही छोड़ता और आखिरकार परमाणु के अब ठीक सामने था वो टैंक
और अगले ही पल टैंक में से कई सारी बैरल्स(नालियां) निकल आती हैं और उसके बाद उन नालियों में से सैकड़ों गोलियां और मिसाइल्स परमाणु को भेदने छूट पड़ती हैं
सर्र्रर्रर्रर्रर्रर्रर्रर्रर्रर्रर्र
लेकिन तभी परमाणु के सीने में लगा UHERB  चमकने लगता है और एक प्रकाश छूटता है जिसमे सारी मिसाइल्स और गोलियां घुल सी जाती हैं,UHERB सारी ऊर्जा को सोख रहा था
और फिर परमाणु के सीने में से एक बड़ा सा गोला निकलता है और चल पड़ता है टैंक को भेदने.....
परमाणु-अच्छा बेटा अब अपनी ही एनर्जी से बचकर दिखा....
प्रकाश का गोला सीधे जा कर टैंक से टकराता है और एक बहुत भयंकर आवाज़ के साथ चारों तरफ एकदम घना धुंआ फ़ैल जाता है.......लेकिन आश्चर्य की बात तो ये थी की इस धमाके में किसी भी तरह की हानि नही हुई थी,लेकिन परमाणु का कहीं अता पता नही था
आस पास खड़े लोगों में चर्चा होने लगती है की परमाणु कहाँ गया..............क्या वो मर गया?
क्या परमाणु सचमुच में मर गया था????????
MUMBAI
मुम्बई!!!!!जहाँ होते हैं सबसे ज्यादा क्राइम
लेकिन सबसे खूंखार अपराध विनाशक भी वहीँ रहता है जिसकी वजह से हर मुम्बई वासी चैन की नींद सोता है
मुम्बई का बाप डोगा
लॉयन जिम में
रोज़ की तरह सूरज कड़ी कसरत कर रहा था
तभी उसे याद आया
अरे!!!आज तो मोनिका का बर्थडे है!!!
सूरज तुरंत कसरत करना छोड़ता है और भगा भगा जाता है मोनिका को विश करने
मोनिका-हुह,तो आ गए साहब जादे...... याद भी नही होगा की आज क्या है...हुंह
सूरज-मोनिका मैं सचमुच भूल गया था की आज तुम्हारा बर्थडे है,हैप्पी बर्थडे!!!
मोनिका-ऐसे काम नही चलेगा,आज तुम्हे मेरा सेलिब्रेट करने जल्दी आना पड़ेगा.....वरना
सूरज-अच्छा बाबा अच्छा.....मैं कोशिश करूँगा
पिर्रर्रर्रर्रर्र
एक डॉग विहसल बजती है और कुछ ही पलों बाद......सूरज था डोगा के रूप में तैयार
सूरज-धन्यवाद कुत्ता मित्रों,आज एनकाउंटर करना है डेविल गैंग का,जिसने शहर वासियों की नाक में दम कर रखा है,कोई भी चीज़ चुरा ले जाते हैं
तभी एक कुत्ता डोगा को कुछ बताता है
डोगा-अच्छा.....तो उस पुरानी स्कूल में उन्होंने अपना अड्डा बना रखा है,अभी उन्हें धर दबोचता हूँ
और डोगा निकल पड़ता है गटर के रास्ते से,पुरानी स्कूल की ओर
और फिर डोगा उस बन्द पड़े स्कूल के अन्दर घुसता है
डोगा-अरे!!!यहाँ देखकर तो लगता ही नही है की कोई चीज़ यहाँ पर होगी चोरी की,,,खैर,वो तो अंदर जाने पर ही पता चलेगा
और जैसे ही डोगा अंदर घुसता है,वो हड़बड़ा उठता है
अंदर 10-12 गुंडे बेसबॉल बैट लेकर खड़े थे और डोगा को पीटने के मूड में लग रहे थे.........
गुंडों का नेता डेविल-ओह तो डोगा तो तुम हमलोगों को ढूंढते हुए यहाँ तक आ पहुंचे!!!!!खैर अब वापिस नही जा पाओगे क्योंकि हम किसी राजदार को जिन्दा नही छोड़ते
डोगा-कमीनों,तुम लोगों का काल बनकर ही आया है डोगा
एक गुंडा डोगा की तरफ लपकता है लेकिन डोगा उसके पेट में एक करारी लात जड़ देता है,जिस वजह से वो गुंडा वहीं धराशायी हो जाता है
डोगा कुछ गुंडों के सर के आर पर गोली निकाल देता है और कुछ को बेहोश कर देता है
लेकिन डेविल और उसका साथी  बच जाते हैं
और डेविल का साथी एक गोली डोगा पर चला देता है और वो गोली डोगा के पैर को छूती हुई निकल जाती है
डोगा बुरी तरह से लंगड़ा जाता है और डेविल पता नही कहाँ से एक राकेट लांचर लाता है और डोगा की तरफ तान देता है
की तभी पुलिस के साईरन की आवाज़ आने लगती है
और पुलिस डोगा के सामने पहुँच जाती है
इंस्पेक्टर-दोनों अपने अपने हाथ ऊपर कर लो....तुम दोनों गिरफ्तार किये जाते हो
तभी डेविल के मन में एक आवाज़ गूंजती है
"जल्दी करो,वरना मौका हाथ से निकल निकल जायेगा"
और डेविल का हाथ ट्रिगर के ऊपर दब जाता है और राकेट छूट पड़ता है,और डोगा अब बचने के लिए कुछ भी नही कर सकता था,मिसाइल उससे टकराई और चारों तरफ धुंआ फ़ैल गया
लेकिन हैरत की बात तो ये थी की डोगा मर नही था,उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसके हाथ में कोई बहुत मजबूत तार बांध दिया गया हो,और वो खिंच रहा था उस तार की दिशा की तरफ.....
इंस्पेक्टर-अरे....डोगा सहित सारे डेविल गैंग के लोग गायब........ये क्या चक्कर है
UNKNOWN PLANET
भक्क!!!!!डोगा एक अनजान सी जगह पर प्रकट होता है.....ये जगह उसके लिए बिल्कुल नही थी पूरी तरह से रौशनी से भरी हुई.......और वो जैसे ही पीछे मुड़ता है स्तब्ध रह जाता है
डेविल गैंग की जगह वहां पर कई अजीब प्राणी थे.....पूरी बनावट मानव जैसी थी उनकी लेकिन कान बड़े थे,और वो अपने शरीर पर कई सारे यन्त्र पहने हुए थे,जैसे बहुत अत्याधुनिक हों.....
तभी उसे कोई परिचित नज़र आता है...............वो परमाणु था.....डोगा तुरंत परमाणु की तरफ जाता है
डोगा-परमाणु तुम यहाँ.....?????ये जगह कोनसी है और ये सब लोग कौन है????और तुम यहाँ कब से हो?????
परमाणु-डोगा असल में हम एक दूसरे गृह पर हैं.......हमारी पृथ्वी से बहुर दूर......और ये सब लोग एलियंस हैं.......आगे की बाते  तुम्हे रेमलोन्स समझायेंगे.......और मैं यहाँ कल आ गया था पता नही कैसे.......
डोगा-क्या!!!!अगर ये सच है फिर तो मैं गया(मन ही मन) अगर पृथ्वी पर कभी पहुंच गया तो मोनिका मार डालेगी)......
तभी कहीं से आवाज़ गूंजती है
स्वागत है.........डोगा और परमाणु
घबराएं नही असल में आपलोग रेमलोन गृह पर हैं,और मैं हूँ रेमलोन्स का चीफ......
एक बड़े एलियन ने कहा.....वो बाकि सब एलियंस से थोडा बड़ा था
डोगा-ये सब क्या माजरा है.......हमे यहाँ बिना हमारी इज़ाज़त के बुला लिया गया
डोगा ने चीफ की तरफ अन्धाधुन्ध गोलियां बरसा दी
शांत डोगा शांत.....ये कहते ही चीफ ने अपने हाथ से एक छोटी सी लेज़र छोड़ दी और गोलियां हवा में ही हवा हो गयीं
परमाणु-डोगा समझदारी से काम लेना चाहिए हमे........अगर कुछ गलत लगा तो फिर हम एक्शन लेंगे....
चीफ-हाँ तो मैंने बस परमाणु को यहाँ अपना परिचय दिया था....अब दोनों को वजह बता देता हूँ की क्यों यहाँ बुलाया,
और वाईस की राय और बाकि ग्रहवासियों की सर्वसम्मति से आपलोगों को यहाँ बुलाया गया है
हम लोगों का गृह रेमलोंन विज्ञानं में सबसे आगे है इस ब्रम्हांड के सारे ग्रहों से ज्यादा......जितना सारे गृह के प्राणी मिलकर भी इखट्टा नही कर सकते.........लेकिन बहुत समय पहले,जब पृथ्वी जैसे ग्रह नही बने थे तब एक ट्रिकस्टर नाम का कोई एलियन आया...और उसकी असली आइडेंटिटी कोई नही जान पाया है अभी तक.....सुदूर आकाश गंगा से.....उसने अपने ज्ञान के बल पर एक कृतिम गृह स्थापित किया.......लेकिन फिर भी हमारा गृह विज्ञानं में सबसे आगे था.........धीरे धीरे वो कई ग्रहों पर अपना राज कायम करता गया....और उसने अपने खुद के एलियंस बनाये......जिनका नाम था रेस्क्लोन्स..वो सारे ग्रहों पर तबाही मचाता चला गया......और जब हमलोगों को जीतने आया तो हमलोगों का विज्ञानं इतना आगे था की उसका हर वार झेल गए....युद्ध हुआ......और हमारे सैनिक मरते चले गए.....और हमलोगों को पता चला की ट्रिकस्टर अगर एक बार हमारे गृह को फ़तेह कर गया न....तो पृथ्वी तक पहुंचना उसका बाये हाथ का खेल होगा.....और जब हम बिलकुल कमजोर हो गए तो फिर हमने मिल्की वे गैलेक्सी में सबसे ताकतवर इंसानों की खोज की और तुम लोग मिल गए......हालांकि नागराज और दूसरे सुपरहेरोस भी कम नही थे और फिर हमलोगों ने टैंक और डेविल गैंग जो रामलोन्स ही थे,उनकी मदद से तुमको  यहाँ बुलाया गया........टैंक में एक टेलेपोर्टेर लगा हुआ था जिसने तुमको यहाँ पहुंचा दिया....
और यहाँ वातावरण भी पृथ्वी जैसा ही है.......और जो लोग टैंक की वजह से मरे थ असल में वो लोग बस बेहोश हुए थे.......क्याकेहते हो आप लीग???
तभी वाईस स्क्रीन की तरफ देख कर बोल पड़ता है
"चीफ देखिये.....उन लोगों ने हम लोगों पर कई मिसाइल्स छोड़ दी हैं"
सबने स्क्रीन की तरफ देखा......कई मिसाइल्स आ रहीं थी और जैसे जैसे पास आती जा रहीं थी वैसे वैसे बढ़ति जा रहीं थी
परमाणु और डोगा ने भी विचार विमर्श कर लिया था
अब कोई रास्ता नही बचा.........रेमलोन्स की तरफ से लड़ना ही पड़ेगा रैक्लोन्स के विरुद्ध
आगे क्या हुआ?क्या गृह बच पाया?कोण है ये ट्रिकस्टर?क्या परमाणु डोगा अपने गृह पर वापस आ पाये?

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